मोक्ष का सत्य

मोक्ष का सत्य

मोक्ष का सत्य

सारी दुनिया के धार्मिक ग्रंथों में मोक्ष की अवधारणा है। तो क्या है यह मोक्ष ? इसी सवाल का जवाब प्रस्तुत पुस्तक में तलाश किया गया है। पृष्ठभूमि के रूप में आत्मा, परमात्मा, प्रलय, खण्ड व आत्यंतिक प्रमय आदि को समझाया गया हे। जीवात्मा क्या है, देह में केसे आती है, आत्मा जीव भाव से किस तरह मुक्त हो सकती है ? इनकी भी विवेचना है। यह स्पष्टतः समझाया गया है कि मुक्ति भी एक अवस्था ही है – निर्विकार हो जाना, वीतराग हो जाना, निर्लिप्त रह जाना। सारे संचित भोग संस्कार समाप्त हो जाना ही जीव मुक्ति है। अजन्म की अवस्था आत्यंतिक मुक्ति है- अंतिम
जन्म ओर मृत्यु। फिर न जन्म, न मृत्यु।

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