तीर्थराज पुष्कर पर एक आधिकारिक किताब। इस पोराणिक कस्बे की भोगोलिक स्थिति एवं ऐतिहासिकता पर शोध परक मैटर प्रभापशाली है। कुछ चौंकाने वाली बातें हैं – असली पुष्कद कहां ? क्या फूलों की घटी के पास ? ऐसे ही सरस्वती नदी अजमेर के निकट वाले पुष्कर में कभी नहीं बही। गायत्री मंत्र की रचना पुष्कर में हुई थी ? पुष्कर में औषध वनस्पतियों की प्रचुरता। एक अन्य जोरदार बात यह है कि इस तीर्थ कस्बे को रणभूमि के रूप में भी प्रमाणित किया गया है। पुष्कर के इतिहास से संबंधित महत्वपूर्ण तिथियां भी अच्छा संकलन है।