यह शहर ब्रिटिश काल में राजस्थान की शैक्षिक राजधानी रहा है। इसकी प्राचीनता द्वापर युग तक देखी गई है। इसे समेटते हुए अजमेर की प्रेम कथाएं पहली बार लिखी गई हैं। ऐसे ही इस शहर की विख्यात हवेलियों का रोचक इतिहास भी सर्व प्रथम सामने लाया गया है। यहां के पर्यटन स्थलों में प्रमुख हैं – वातानुकूलित सीसा खान, पहला पहाङी दुर्ग तारागढ, चिश्तिया दरगाह, जैनियों का सुंदरतम मंदिर ‘सोनीजी की नसियां’, एक हजार साल पुरानी आनासागर झील, ढाई दिन का झौंपङा या सरस्वती मंदिर आदि। यह शहर मुगलकालीन हिंदोस्तां का सब से बङा सूबा था। ऐसे ही विश्व की सब से लम्बी लङाई ‘ हल्दीघाटी युद्ध’ की समाप्ती यही हुई – जहांगीर और महाराणा अमरचंद के मध्य संधि के रूप में।